जमशेदपुर।
पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिला अंतर्गत दामदी गांव में आदिवासी भूमिज समाज के हेंब्रोम गौत्र द्वारा पवित्र हाड़शाली (उकशासन) का शुद्धीकरण एवं स्मरण सभा का आयोजन श्रद्धा और पारंपरिक रीति से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पोटका विधायक संजीव सरदार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा से आए भूमिज समाज के सैकड़ों लोग एकत्रित हुए और विधिवत रूप से शुद्धीकरण पूजा में शामिल हुए।
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हाड़शाली हमारी सांस्कृतिक जड़ें हैं – विधायक संजीव सरदार
विधायक संजिव सरदार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा,“भूमिज समाज की पहचान उसके हाड़शाली या उकशासन से होती है। यह न केवल हमारे पूर्वजों की स्मृति का प्रतीक है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक जड़ों का केंद्र भी है। आज कई स्थानों पर हाड़शाली का अस्तित्व मिटने की कगार पर है या अतिक्रमण की चपेट में है। यदि हमने अभी कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में हमारी पहचान पर संकट गहराएगा।”
उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि वे अपने-अपने हाड़शाली की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आगे आएं और सामूहिक प्रयास करें।
भूमिज भाषा और संस्कृति को बचाने की दिशा में पहल
विधायक सरदार ने आगे कहा कि भूमिज समाज की जनसंख्या देश में लगभग 15 लाख है, जिनमें सर्वाधिक लोग पश्चिम बंगाल में निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज की अपनी भाषा, संस्कृति और परंपरा है, जिसे जीवित रखना हम सभी का कर्तव्य है।
उन्होंने घोषणा की कि उनके प्रयास से जल्द ही भूमिज भाषा की शिक्षा देने के लिए स्कूल शुरू किया जाएगा। साथ ही, युवा पीढ़ी को पारंपरिक वाद्ययंत्र, गीत और नृत्य सिखाने के लिए एक “सांस्कृतिक प्रशिक्षण केंद्र” स्थापित किया जाएगा।
विधायक ने बताया कि इस दिशा में बहुत जल्द एक प्रतिनिधिमंडल का गठन किया जाएगा, जो स्थानीय समिति से मिलकर इसकी रूपरेखा तय करेगा।
कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल भूमिज डेवलपमेंट बोर्ड के सदस्य परितोष सिंह सरदार, निर्मल सिंह सरदार, भक्त सिंह सरदार, गुणधर सिंह सरदार, विश्वनाथ सिंह सरदार, शिवशंकर सरदार, शिविर सिंह सरदार सहित बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

