जमशेदपुर,।
हो आदिवासी समाज के गौरव और वारंग चिति लिपि के जनक लाको बोदरा की 106वीं जयंती पर आज जमशेदपुर के सीतारामडेरा स्थित प्रतिमा स्थल पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर झामुमो नेता महाबीर मुर्मू ने कहा कि लाको बोदरा का जीवन आदिवासी समाज, विशेषकर हो समुदाय के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने कहा कि बोदरा जी ने हो भाषा के लिए वारंग चिति लिपि का आविष्कार कर समुदाय को न सिर्फ शिक्षा की नई राह दिखाई बल्कि एक साहित्यिक और सांस्कृतिक पहचान भी प्रदान की।
महाबीर मुर्मू ने कहा कि लाको बोदरा जी का योगदान इतिहास में अमर है और आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनसे प्रेरणा लेती रहेंगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बोदरा जी ने अपनी मातृभाषा और संस्कृति के लिए कार्य किया, वह पूरे समाज के लिए अनुकरणीय है।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में झामुमो कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए। मौके पर नंदू सरदार, अभिजीत सरकार (नान्टू), अशोक यादव, विजय महतो, राजन कैबरता, रानू मंडल, रमेश सोय, प्रधान देवगम, कृष्णा गौड़, रॉकी सिंह राठौड़, दिनेश यादव और विक्की मार्डी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
नेताओं ने कहा कि आज हो समुदाय को शिक्षा, भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में जो पहचान मिली है, उसका आधार लाको बोदरा द्वारा रखी गई नींव ही है।

