जमशेदपुर।
मानगो डिमना रोड स्थित बंग बंधु संस्था के तत्वावधान में रविवार को अमर शहीद खुदीराम बोस के 117वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता महाबीर मुर्मू, गोल्डी तिवारी और समाजसेवी इंद्रजीत घोष सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत वीर शहीद खुदीराम बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई।
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए महाबीर मुर्मू ने कहा कि खुदीराम बोस भारत के एक महान युवा क्रांतिकारी थे, जिन्होंने मात्र 18 वर्ष की अल्पायु में ब्रिटिश शासन के खिलाफ बिगुल फूंका और हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए। उनका बलिदान न केवल स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है, बल्कि उन्होंने भारतीय युवाओं में आज़ादी की लड़ाई के प्रति जोश और ऊर्जा का संचार किया।
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महाबीर मुर्मू ने कहा, “खुदीराम बोस ने साबित किया कि उम्र कभी भी देशभक्ति और साहस में बाधा नहीं बन सकती। उनके त्याग और वीरता की मिसाल आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हमें उनके आदर्शों पर चलते हुए समाज में न्याय, समानता और स्वतंत्रता की भावना को कायम रखना होगा।”
गोल्डी तिवारी और इंद्रजीत घोष ने भी अपने संबोधन में शहीद खुदीराम बोस को नमन किया और कहा कि देश की आज़ादी के लिए जिन्होंने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, उन्हें याद रखना हमारा कर्तव्य है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से बिनोद डे, उत्तम गुहा, अशोक दत्ता, ननटू सरकार, पी. सरकार, अभय पांडे, दुर्गा प्रसाद हांसदा और करण कालिंदी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि खुदीराम बोस के बलिदान और विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाया जाएगा।
श्रद्धांजलि सभा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल के क्रांतिकारियों की भूमिका पर भी चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि खुदीराम बोस का जीवन और उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
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इस मौके पर उपस्थित लोगों ने मोमबत्ती जलाकर और मौन रखकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के अंत में सभी ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से वातावरण गुंजा दिया।

