जमशेदपुर। झारखंड बांधव समिति ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन एवं स्वर्गीय शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की स्मृति में बिष्टुपुर क्यू रोड स्थित होटल बीएस रीजेंसी सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दो मिनट के मौन से हुई। बंगला लोक संगीत शिल्पी सुब्रत विश्वास ने गीत के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।
समिति का उद्देश्य
झारखंड बांधव समिति बांग्ला भाषी समुदाय का सांस्कृतिक-सामाजिक संगठन है, जो झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति, आंदोलन की परंपरा और आदिवासी-मूलवासी समाज के अधिकारों के प्रति समर्पित है। संगठन बांग्ला भाषियों के स्वाभिमान एवं अन्य समुदायों के साथ एकता को मजबूत बनाने का कार्य करता है।
महान नेताओं का योगदान
सभा में वक्ताओं ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन के अग्रदूत के रूप में जल, जंगल और जमीन की रक्षा तथा अस्मिता के लिए जीवन भर संघर्ष किया। वहीं स्व. रामदास सोरेन ने शिक्षा और वंचित वर्गों के कल्याण में अतुलनीय योगदान दिया, जिसकी कमी अपूरणीय है।
पारित प्रस्ताव
सभा में दो प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए —
दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग।
कुछ राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को “बांग्लादेशी घुसपैठिया” कहकर प्रताड़ित करने और उनकी नागरिकता छीनने की घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा।
उपस्थित जनप्रतिनिधि
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वनाथ राय, अरविंद दे और निर्मल चंद्रा ने की। संचालन गौतम कु बोस ने किया। मुख्य वक्ताओं में मोहन कर्मकार, कुणाल सारंगी, पूर्णिमा मल्लिक, मुक्तात्मा नंदा, संदीप सिन्हा चौधरी, राजेश रॉय, सरबजीत सिंह “सैनी”, मुहम्मद फैयाज खान, गणेश राम, हरमोहन महतो और जितेंद्र यादव शामिल थे।
सभा में इंद्रजीत घोष, असित भट्टाचार्जी, जवाहर रक्षित, शिवनाथ पाल, प्रदीप कुमार राय, असित चक्रवर्ती, सुनील सील, शिव राम सिन्हा, ब्रेरना कांडुलना, अनिमा बोस, कनीज फातिमा, सुरेंद्र टुडू, सुरेश प्रसाद, सुरेन्द्र रजक, नासिर खान, राज कुमार, सुशांतो पंडा, अभय पांडे, एस. शिवा सहित कई लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में लालटू महतो, राज कुमार दास, प्रणब नाहा, हराधन प्रमाणिक, निमाई गोप और निशांत राहुल सिंह का विशेष योगदान रहा।

