दूसरे दिन लगेगी रंग, कैनवास और कला की कार्यशाला
*विख्यात चित्रकार मनीष पुष्कले, पद्मश्री भज्जू श्याम और
CBDT की अतिरिक्त महानिदेशक ऋतु शर्मा चलाएंगे ब्रश*
जमशेदपुर।
. जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कला और सृजन की नई उजास दिखने वाली है. आयोजन के दूसरे दिन 21 दिसंबर को होटल रमाडा के क्रिस्टल हॉल में कला जगत के लिए विशेष सत्र और कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी, जिनमें देश के नामचीन कलाकार शामिल होंगे.
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कैनवास और ब्रश की जादुई क्लास — प्रातः 9:45 बजे
दिन की शुरुआत एक जीवंत कला–वर्कशॉप से होगी, जिसका संचालन करेंगी वाराणसी से आ रहीं वरली आर्टिस्ट आकांक्षा सिंह, एवं राँची से आ रहीं सोहराय आर्टिस्ट पुनिता मिश्रा. इस क्लास में प्रतिभागियों को भारत की पारंपरिक जनजातीय कला वरली और सोहराय की तकनीक, भावनाएँ और सांस्कृतिक जड़ें समझने का दुर्लभ अवसर मिलेगा. वर्कशॉप में लाइव डेमो, ब्रश तकनीक और रंगों की भाषा पर विस्तार से चर्चा होगी.
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बायोग्राफी ऑफ कैनवास : जहाँ रंग बोलेंगे
चित्रकला के दूसरे सत्र में जमशेदपुर में पहली बार विख्यात चित्रकार मनीष पुष्कले, विश्वविख्यात गोंड कलाकार पद्मश्री भज्जू श्याम (भोपाल), एवं सीबीडीटी की अतिरिक्त महानिदेशक, भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी एवं आर्ट एंथुज़ियास्ट ऋतु शर्मा एक ही मंच पर उपस्थित होंगे.
यह सत्र “कैनवास की जीवनी” पर केंद्रित होगा, जहाँ कला के दर्शन, रंगों की संवेदना और भारतीय लोक-अभिव्यक्ति के सौंदर्य पर गहन चर्चा की जाएगी. सत्र का संचालन जयपुर की प्रो. प्रणु शुक्ला करेंगी, जिनके मार्गदर्शन में संवाद को विशिष्ट दिशा मिलेगी.
छात्र–छात्राओं व कला विभागाध्यक्षों के लिए विशेष आमंत्रण
सत्रों के बाद विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र–छात्राओं के लिए प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया जाएगा,
जिसमें युवा कलाकार देश के प्रतिष्ठित पेंटर्स से सीधे संवाद कर सकेंगे. इसके साथ ही जमशेदपुर के कई कॉलेजों के आर्ट्स एंड कल्चर विभाग के विभागाध्यक्षों का सम्मान भी कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा.
शहर के सभी चित्रकार, कला-प्रेमी और आर्ट के छात्र–छात्राओं के लिए आमंत्रण
आयोजन समिति के आकाश मोदी ने कहा कि यह आयोजन जमशेदपुर की कला-संस्कृति को राष्ट्रीय मंच से जोड़ने का बड़ा अवसर है. यह सत्र कला क्षेत्र के छात्र–छात्राओं के लिए अत्यंत लाभकारी होगा. इसलिए शहर के—चित्रकार, इलस्ट्रेटर, फाइन आर्ट्स के विद्यार्थी, कॉलेज कला विभाग के शिक्षक एवं कला-प्रेमी सभी को अवश्य पंजीकरण करवाना चाहिए.
आयोजन समिति की डॉ. जूही समर्पिता ने कहा कि
जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल का यह कला–केन्द्रित दिवस शहर की रचनात्मकता को नया आयाम देगा. कला, संवाद और जनजातीय विरासत, तीनों का अनोखा संगम
21 दिसंबर को क्रिस्टल हॉल में देखने को मिलेगा.







