पटना।
बिहार की राजधानी पटना में वैश्य पोद्दार महासभा बिहार के बैनर तले वैश्य पोद्दार जन अधिकार रैली (समागम) का ऐतिहासिक आयोजन दरोगा राय स्मारक न्यास सभागार में किया गया। लंबे अंतराल के बाद आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में समाज के हजारों लोग शामिल हुए और अपनी तीन प्रमुख मांगों को सरकार तक पहुंचाया।
रैली में समाज की ओर से पहली मांग रखी गई कि वैश्य पोद्दार समाज को पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद केंद्र सरकार की सूची में उसका नाम दर्ज नहीं है, जिसे जल्द से जल्द शामिल किया जाए। दूसरी मांग में समाज के लोगों को शिक्षा और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया गया। तीसरी प्रमुख मांग समाज को राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व दिलाने से संबंधित रही।
कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार तथा उत्पाद एवं निबंधन मंत्री रत्नेश सादा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने पोद्दार समाज के योगदान को सराहते हुए कहा कि समाज ने बिहार और देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दोनों मंत्रियों ने मंच से आश्वासन दिया कि समाज की उचित मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
सभा में राष्ट्रीय वैश्य पोद्दार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीकांत पोद्दार, दिल्ली महिला मोर्चा महामंत्री वैशाली पोद्दार, जमशेदपुर से आए अरुण पोद्दार, श्रीकांत देव, भरत पोद्दार, रामानुज पोद्दार, दिलीप पोद्दार तथा चाईबासा से शंकर पोद्दार और मणिकांत पोद्दार सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। रैली के दौरान पूरे उत्साह के साथ समाज के सदस्य पटना की सड़कों पर उतरे और अपनी एकजुटता का परिचय दिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि वैश्य पोद्दार समाज की उपेक्षा लंबे समय से की जाती रही है, जबकि इस समाज का योगदान व्यापार, उद्योग, शिक्षा और समाज सेवा में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इसलिए अब समय आ गया है कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए।
पटना में आयोजित इस ऐतिहासिक रैली ने न केवल वैश्य पोद्दार समाज की आवाज को बुलंद किया बल्कि सरकार तक यह संदेश भी पहुंचाया कि समाज अपने अधिकारों और सम्मान को लेकर संगठित और सजग है।


