जमशेदपुर। देश की कर व्यवस्था में बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से दिए गए संकेतों के बाद केंद्र सरकार ने जीएसटी (GST) सुधारों की दिशा में निर्णायक कदम उठाया है। हाल ही में हुई जीएसटी काउंसिल बैठक में 12% और 28% जीएसटी स्लैब को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। अब आम जनता को न सिर्फ कर ढांचे में पारदर्शिता मिलेगी, बल्कि कई स्तरों पर राहत भी पहुँचेगी।
भाजपा जिला कोषाध्यक्ष कृष्णा शर्मा काली ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह कदम केवल कर सुधार भर नहीं है, बल्कि यह आम लोगों की जिंदगी आसान बनाने और व्यवसाय को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि—
किसानों और छोटे उद्यमियों को सीधी राहत मिलेगी।
MSME उद्योगों और स्टार्टअप्स को नई गति और प्रतिस्पर्धा की क्षमता प्राप्त होगी।
मध्यमवर्गीय परिवारों, महिलाओं और युवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे।
काली शर्मा के अनुसार, कर ढांचे के सरलीकरण से उपभोक्ताओं पर बोझ कम होगा और कारोबारियों के लिए रजिस्ट्रेशन, इनवॉइसिंग और रिफंड की प्रक्रिया आसान बनेगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि कारोबारियों की तरलता (Cash Flow) भी बेहतर होगी।
उन्होंने कहा कि यह फैसला भारत को Ease of Living और Ease of Doing Business दोनों ही मामलों में नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। जहां एक ओर रोजमर्रा की चीजों की कीमत कम होगी, वहीं उद्योगों और उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल तैयार होगा।
भाजपा जिला कोषाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह निर्णय आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उनका कहना था कि कर सुधार की इस नई संरचना से न केवल घरेलू खपत बढ़ेगी बल्कि निवेश और रोजगार सृजन में भी बढ़ोतरी होगी।
जीएसटी स्लैब में बदलाव का सीधा असर ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, टेक्सटाइल, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों पर पड़ेगा। साथ ही, कृषि उपकरणों, बीज और खाद जैसे उत्पाद सस्ते होंगे जिससे ग्रामीण भारत और किसानों को लाभ मिलेगा।
अंत में काली शर्मा ने कहा कि यह फैसला जनता, उद्योग और सरकार—तीनों के लिए फायदेमंद है। इससे कर विवादों में कमी आएगी और भारत की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

