जमशेदपुर
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मियां भी चरम पर पहुंचती जा रही हैं। दल-बदल और बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। इसी क्रम में शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया।
कार्यकर्ताओं को भाजपा की सदस्यता पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने जमशेदपुर के कदमा स्थित अपने आवास पर पट्टा पहनाकर दिलाई और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि “भाजपा घाटशिला में ऐतिहासिक जीत की ओर अग्रसर है। जनता अब यह समझ चुकी है कि केवल भाजपा ही क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की गारंटी दे सकती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि घाटशिला क्षेत्र के फूलपाल, जुगीशोल और बेदिया सहित कई इलाकों में आदिवासी समाज और सरकारी जमीनों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों का कब्जा हो चुका है। उन्होंने कहा — “समाज के अस्तित्व को बचाने के लिए आदिवासियों और मूलवासियों को अब एकजुट होना होगा। भाजपा ही वह पार्टी है जो इस मुद्दे पर ठोस कदम उठा सकती है।”
चाईबासा में हाल ही में हुई लाठीचार्ज घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए चंपई सोरेन ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को आदिवासी विरोधी बताते हुए कहा कि यह सरकार आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज करवाकर जनता की आवाज़ दबाना चाहती है। उन्होंने कहा — “सरकार आपकी, आंदोलन आप रोकते हैं, FIR आप करवाते हैं और दोष विपक्ष पर डालते हैं — जनता अब सब समझ चुकी है।”
ज्ञात हो कि भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के प्रचार अभियान में पहले से ही वीर सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू जुड़ चुके हैं, जिन्हें युवाओं का मजबूत समर्थन मिल रहा है। इस कार्यक्रम में संथाल परगना के देश परगना सूरजू टुडू भी उपस्थित रहे। उन्होंने आदिवासी समाज से अपील की कि “अपने समाज, अपनी विरासत और अपने अस्तित्व” की रक्षा के लिए भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन को वोट दें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक नहीं लगी, तो “पाकुड़ की तरह घाटशिला में भी आदिवासी समाज अल्पसंख्यक हो जाएगा।”
घाटशिला का यह उपचुनाव अब सिर्फ राजनीतिक मुकाबला नहीं, बल्कि पहचान, अस्तित्व और विकास के मुद्दे पर भी निर्णायक रूप लेता जा रहा है।
