जमशेदपुर,: शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के स्थापना दिवस के अवसर पर श्रीमन क्लासेस में एक गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की विशेष उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत स्वस्तिवाचन और माँ भारती को नमन करते हुए की गई, जिससे वातावरण में भारतीय संस्कृति की गरिमा झलक उठी।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. रागिनी भूषण (संयोजक, शिक्षा में स्वायत्तता)। उन्होंने बहुत ही सहज और प्रभावशाली शैली में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के उद्देश्यों तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के बीच संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने नई शिक्षा नीति की प्रमुख विशेषताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि यह नीति भारतीय मूल्यों और राष्ट्रीय आवश्यकताओं को केंद्र में रखती है।
National News :कोविड टीकों और अचानक मौतों के बीच कोई संबंध नहीं: ICMR और AIIMS के अध्ययन से पुष्टि
विशेष आकर्षण का केंद्र रहा डॉ. रागिनी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित स्वरचित गीत, जिसे उन्होंने अपनी मधुर गायन शैली में प्रस्तुत किया। छात्रों और अतिथियों ने इसे खूब सराहा और सरगर्मी से तालियों से स्वागत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं डॉ. कविता परमार (विभाग प्रमुख एवं लोकप्रिय जिला पार्षद) ने अपने वक्तव्य में बताया कि कैसे शिक्षा बचाओ आंदोलन से शुरू हुआ यह प्रयास आज शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के रूप में एक राष्ट्रीय अभियान बन चुका है। उन्होंने न्यास की गतिविधियों, उपलब्धियों और सामाजिक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की।
महानगर संयोजक श्री शिवप्रकाश शर्मा ने न्यास के ध्येय वाक्य—“भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप शिक्षा” की महत्ता को सरल और स्पष्ट भाषा में समझाया। उन्होंने युवाओं को भारतीय विचारधारा से जुड़ने का आह्वान किया।
JAMSHEDPUR NEWS : डेढ़ करोड़ की सोना लूट का खुलासा, 18 घंटे में बरामदगी और दो गिरफ्तार
कार्यक्रम का संचालन श्रीमन नारायण त्रिगुण (प्रांत संयोजक, प्रकल्प: प्रतियोगी परीक्षा) ने किया, जिन्होंने पूरे आयोजन को सधी हुई शैली में संयोजित किया। विद्यार्थियों ने अतिथियों को सम्मानित कर अपने आदर भाव को प्रकट किया।
धन्यवाद ज्ञापन श्री कौशल्या अमरनाथ (महानगर सह संयोजक) ने किया, वहीं पंडित हरेराम तिवारी के शांतिपाठ से कार्यक्रम का समापन हुआ।


