जमशेदपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के इतिहास में पहली बार कैंपस परिसर में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन शुरू हुआ। इस आयोजन ने पूरे संस्थान को परंपरा और आधुनिकता के अद्भुत संगम से सजा दिया है। कैंपस में सजाए गए पंडाल, माता दुर्गा की भव्य प्रतिमा और रंग-बिरंगी रोशनियों ने श्रद्धालुओं और आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शुभ महाषष्ठी के पावन अवसर पर पूजा पंडाल का उद्घाटन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और उनकी धर्मपत्नी सह भाजपा नेत्री श्रीमती मीरा मुंडा ने विधिवत रूप से किया। इस अवसर पर पूरा वातावरण शंखध्वनि, ढाक की थाप और वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा।
उद्घाटन अवसर पर श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि एनआईटी जमशेदपुर में दुर्गा पूजा का आयोजन विविधता में एकता और राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। यह केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि सांस्कृतिक परंपरा की नई शुरुआत है। उन्होंने संस्थान में हो रहे सकारात्मक बदलावों पर खुशी जताई और इसे पूरे झारखंड के लिए गौरव का क्षण बताया।
पूरे पंडाल को फूलों और विद्युत सज्जा से भव्य रूप दिया गया है। माता दुर्गा की प्रतिमा को पारंपरिक बंगाली शैली में स्थापित किया गया, जिसने भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव से भर दिया। पूजा की शुरुआत ‘अय गिरिनंदिनी महिषासुर मर्दिनी’ स्तुति से हुई, जिसे निदेशक की धर्मपत्नी श्रीमती इंद्राणी सूत्रधर ने प्रस्तुत किया।
एनआईटी निदेशक प्रो. (डॉ.) गौतम सूत्रधर ने कहा कि संस्थान केवल तकनीकी शिक्षा का केंद्र ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी संवाहक है। इस प्रकार का आयोजन परिवार और समाज में एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करता है।
पूरे सप्ताह चलने वाले इस उत्सव में सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी के दिन विशेष अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, पुष्पांजलि, महाआरती और महाप्रसाद वितरण का आयोजन होगा। सांस्कृतिक संध्याओं में संस्थान के छात्र-छात्राओं, महिलाओं और बच्चों द्वारा डांडिया-गरबा व नृत्य-गीत प्रस्तुत किए जाएंगे। वहीं भजन संध्या के लिए शहर के ख्यातिलब्ध गायक भी आमंत्रित किए गए हैं।
संस्थान के डीन डॉ. राकेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में पूजा का संचालन किया जा रहा है, जबकि कुलसचिव कर्नल निशिथ कुमार राय ने इसे संस्थान के लिए नई सांस्कृतिक परंपरा की शुरुआत बताया।
पूजा के दौरान प्रतिदिन शिक्षकों, कर्मचारियों और परिवारजनों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था की गई है। आयोजन समिति का मानना है कि यह उत्सव आने वाले वर्षों में एनआईटी जमशेदपुर की पहचान बनेगा।
विजयादशमी के दिन प्रतिमा विसर्जन के साथ इस ऐतिहासिक आयोजन का समापन होगा। संस्थान परिवार ने आशा जताई है कि दुर्गा पूजा आने वाले वर्षों में एनआईटी जमशेदपुर की वार्षिक परंपरा के रूप में स्थापित होगी।

