नेमरा (रामगढ़) : झारखंड के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता सोमवार को नेमरा पहुंचे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने स्मृति-शेष पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान पूर्व मंत्री ने गुरुजी के योगदान को याद करते हुए कहा कि अलग झारखंड राज्य के निर्माण में शिबू सोरेन का संघर्ष और नेतृत्व हमेशा अमिट रहेगा। उन्होंने कहा कि गुरुजी ने अपने पूरे जीवन को आदिवासी, गरीब, दलित, वंचित और शोषित समाज के अधिकार और सम्मान के लिए समर्पित किया। उनका राजनीतिक जीवन जनसेवा और संघर्ष की मिसाल है, जिसे आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी।
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बन्ना गुप्ता ने कहा कि गुरुजी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि जनभावनाओं के सच्चे प्रतिनिधि थे। उन्होंने हमेशा जमीन से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी और झारखंड की अस्मिता की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई। उनका व्यक्तित्व विनम्र, सरल और संघर्षशील था, जिसकी छाप हर झारखंडवासी के दिल में बसी रहेगी।
पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार को ढांढस बंधाते हुए कहा कि गुरुजी के आदर्श और विचार हम सभी को आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुरुजी का सपना, एक सशक्त और आत्मनिर्भर झारखंड, पूरा करने में वे हमेशा साथ खड़े रहेंगे।
नेमरा गांव में सोमवार को सुबह से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। राज्य के कोने-कोने से लोग पहुंचकर गुरुजी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन कर रहे थे। आम नागरिकों के साथ-साथ राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, सामाजिक कार्यकर्ता और अनेक गणमान्य लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
गांव के माहौल में गुरुजी के संघर्ष और योगदान की चर्चाएं हो रही थीं। हर कोई अपने-अपने अंदाज में उन्हें याद कर रहा था। किसी ने उनके नेतृत्व की कहानियां सुनाईं, तो किसी ने उनके सादगीपूर्ण जीवन का जिक्र किया।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने कहा कि गुरुजी का जाना झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनका जीवन और विचारधारा हमेशा मार्गदर्शन करती रहेगी।


