जमशेदपुर। धर्म रक्षीणी पौरोहित्य महासंघ की ओर से गुरुवार, 7 अगस्त 2025 को सुवर्णरेखा नदी तट, साकची स्थित आनंदेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एक शोकसभा का आयोजन किया गया। इस सभा का उद्देश्य “दिशोम गुरू” माननीय शिबू सोरेन और शीतला मंदिर के पूजारी राजू वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करना था।
सुबह 11 बजे आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत सामूहिक शांति पाठ से हुई। इसके बाद उपस्थित आचार्यों और पंडितों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
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सभा को संबोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष पंडित विपिन कुमार झा ने कहा कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन झारखंड प्रदेश के गठन में एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झा.मु.मो.) के संस्थापक सदस्य और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे। उनका योगदान राज्य के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में अमूल्य रहा है।
वहीं, शीतला मंदिर के पूजारी राजू वाजपेयी के असामयिक निधन पर भी गहरा शोक व्यक्त किया गया। पंडित विपिन झा ने बताया कि उनका निधन हृदयघात के कारण हुआ, जो पूरे शहर के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्माओं को शांति और परिवारजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
इस मौके पर शोकसभा में बड़ी संख्या में आचार्यगण और पंडित उपस्थित रहे। इनमें पंडित शिवप्रसन पांडेय, पंडित राजू मुखर्जी, पंडित सचिन, पंडित मुन्ना पांडेय, पंडित रूपेश बनर्जी, पंडित ब्रजकिशोर शास्त्री, पंडित संजय उपाध्याय, पंडित भरत उपाध्याय, पंडित संतोष पांडेय, पंडित शंकर मिश्रा, पंडित परशुराम पांडेय, पंडित मदन कुमार झा, पंडित चंद्रमौलेश्वर झा, पंडित आनंद मिश्रा, पंडित संदीप शर्मा, पंडित रमेश पांडेय, पंडित चंद्रकांत झा समेत अन्य गणमान्य आचार्य शामिल थे।
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धर्म रक्षीणी पौरोहित्य महासंघ के इस आयोजन ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि समाज अपने नेताओं और धार्मिक मार्गदर्शकों के योगदान को कभी नहीं भूलता। यह श्रद्धांजलि न केवल उनके कार्यों की सराहना थी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करने वाला क्षण था।

