जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल का दो दिवसीय आयोजन
20–21 दिसंबर को होटल रमाडा, बिस्टुपुर में*
जमशेदपुर.झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी जमशेदपुर 20–21 दिसंबर को एक ऐतिहासिक साहित्यिक और सांस्कृतिक संगम का प्रतीक बनेगी. विद्यादीप फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस समारोह के पहले दिन कई महत्वपूर्ण सत्र, चर्चाएँ और सम्मान समारोह आयोजित किए जाएंगे, जिनमें देश के विख्यात लेखक, कलाकार, पद्मश्री विभूतियाँ और सिनेमा जगत की प्रमुख हस्तियाँ शामिल होंगी.
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व्यापार और निवेश की समझ पर होगी पाठशाला
आयोजन के पहले दिन अपराह्न 2.30 बजे विख्यात उद्यमी, निवेशक एवं सस्ता सुंदर के प्रबंध निदेशक, कोलकाता के बनवारी लाल मित्तल व्यापार और स्टॉक मार्केट में निवेश के गहन विषय पर चर्चा करेंगे. वे अपनी पुस्तक क्रैकिंग द मारवाड़ी कोड के ज़रिए मारवाड़ी लोकोक्तियों के गूढ़ महत्व को बतलाएंगे — कि किस प्रकार एक लोकोक्ति आपके व्यापार प्रबंधन में सहायक हो सकती है. उनके साथ सिंगापुर में रहने वाले साहित्यकार एवं मर्चेंट नेवी कैप्टन (जहाजी) विनोद कुमार दूबे संवाद करेंगे.
बदलता भारत, बदलती मीडिया कहानी
आयोजन में पत्रकारिता से सम्बंधित कई सत्र आयोजित होंगे. एक महत्वपूर्ण सत्र में दोपहर 3.30 बजे युवा पत्रकार एवं इंडिया टुडे के डॉ. अंजुम शर्मा बातचीत करेंगे, जो यूट्यूब चैनल हिंदवी पर लिए गए अपने साक्षात्कार श्रृंखला ‘संगत’ के सौ से अधिक एपिसोड के लिए देश भर में विख्यात हैं. उनसे जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्र
वार्ता करेंगे.
साइलेंट सिनेमा से ओटीटी तक : एंटरटेनमेंट का बिग शिफ्ट
आयोजन के पहले दिन संध्या 4.30 बजे से फिल्मी दुनिया के विख्यात सितारे राजेश जैस रंगमंच और सिनेमा के छात्र–छात्राओं से संवाद करेंगे. वे झारखंड में फिल्म निर्माण की संभावनाओं पर भी प्रकाश डालेंगे. इसी सत्र में साइलेंट सिनेमा से OTT तक बदले एक पूरे सिनेमा युग पर मुंबई के पटकथा लेखक डी. एन. ओझा एवं दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज़्म की पूर्व निदेशक डॉ. भारती गोरे चर्चा में भाग लेंगी. इस सत्र का संचालन सत्यवती कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो. एम. के. पांडेय करेंगे. यह सत्र बदले हुए मनोरंजन परिदृश्य, OTT क्रांति और भारतीय कहानी कहने की नई दिशा पर केंद्रित रहेगा.
पद्मश्री विभूतियों का होगा भव्य सम्मान
आयोजन समिति के संरक्षक संतोष खेतान ने बतलाया कि पहले दिन संध्या 5.30 बजे देश के विभिन्न पद्मश्री व्यक्तित्वों को सम्मानित किया जाएगा. सम्मानित विभूतियाँ राजस्थान के विख्यात पर्यावरणविद पद्मश्री लक्ष्मण सिंह एवं पद्मश्री सुंडाराम वर्मा, भोपाल के गोंड कलाकार पद्मश्री भज्जू श्याम, चाकूलिया की ‘टार्जन लेडी’ पद्मश्री जमुना टुडू, रायरंगपुर की विख्यात संताली लेखिका डॉ. दमयंती बेसरा, राजनगर की वनरक्षक पद्मश्री चामी मुर्मू, धालभूमगढ़ के लेखक पद्मश्री डॉ. जानुम सिंह सोय, विश्व की सातों चोटियों को फतह करने वाली पर्वतारोही पद्मश्री प्रेमलता अग्रवाल, जमशेदपुर की शान अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज पद्मश्री दीपिका कुमारी, तथा सरायकेला में कुप्रथाओं से संघर्ष करने वाली पद्मश्री छुटनी देवी होंगी. भारत की विविधता, जनजातीय गौरव, महिला सशक्तिकरण और कला-संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती इन विभूतियों के सम्मान से जमशेदपुर का साहित्यिक आसमान और भी उज्ज्वल होने वाला है.
पुस्तकों का होगा विमोचन
आयोजन समिति एवं सहयोग संस्था की सदस्य डॉ. संध्या सिन्हा ने बताया कि आयोजन के पहले दिन कुछ बेहतरीन पुस्तकों अथवा उनके आवरण का लोकार्पण होगा।
लखनऊ से आ रहीं डॉ. मंजू अग्रवाल रचित साइकोलॉजी ऑफ सेल्फ टॉक सहित कई पुस्तकें इस विमोचन समारोह की साक्षी बनेंगी.
छात्र–छात्राएँ, शिक्षकगण, साहित्य कला जगत एवं व्यवसाय से जुड़े सहयोगियों के लिए विशेष आमंत्रण
आयोजन समिति के अभिषेक अग्रवाल गोल्डी ने कहा कि यह उत्सव ज्ञान, प्रेरणा और रचनात्मकता का संगम है. कार्यक्रम के लिए पंजीकरण प्रारंभ किया जा चुका है.
आइए, मिलकर जमशेदपुर के इस ऐतिहासिक साहित्य उत्सव को अविस्मरणीय बनाएं


