जमशेदपुर। जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय में आयोजित इग्नू बी.एड. प्रोग्राम, जनवरी 2024 सत्र की कार्यशाला-2 का दसवां दिन आत्म-जागरूकता और पर्यावरणीय संवेदनशीलता पर केंद्रित रहा। कार्यशाला का शुभारंभ इग्नू समन्वयक डॉ. त्रिपुरा झा द्वारा प्रार्थना सभा के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने प्रथम सत्र के विषयों का परिचय दिया।
आत्म-जागरूकता पर चर्चा
प्रथम और द्वितीय सत्र में डॉ. कंचन कुमारी ने “स्व की समझ” विषय पर गहन और विचारोत्तेजक चर्चा प्रस्तुत की। उन्होंने शिक्षार्थियों को आत्म-चिंतन और आत्म-मूल्यांकन के माध्यम से व्यक्तिगत विकास तथा आत्म-जागरूकता के महत्व को समझाया। सत्र के अंत में शिक्षार्थियों ने अपने जीवन अनुभवों और विभिन्न व्यक्तियों के प्रभाव के आधार पर “स्व की समझ” पर आधारित प्रतिवेदन प्रस्तुत किए, जिससे उनकी आत्म-विश्लेषण क्षमता और गहन सोच का विकास हुआ।
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पर्यावरणीय संवेदनशीलता पर कार्यशाला
तृतीय और चतुर्थ सत्र में श्री धनंजय कुमार, महिला कॉलेज चाईबासा के थियेटर-आर्ट्स विभाग के सहायक प्राध्यापक, ने “अभिनय द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों की समझ” विषय पर शिक्षार्थियों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने नाट्य कला के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं को उदाहरणों के माध्यम से समझाया। शिक्षार्थियों ने नाटक और अभिनय के जरिए पर्यावरणीय मुद्दों पर संवेदनशील दृष्टिकोण विकसित किया और रचनात्मक प्रस्तुति के लिए अभ्यास किया, जिससे उनकी कला-कौशल और संवेदनशीलता में वृद्धि हुई।
विशेष उपस्थिति और प्रेरक संबोधन
कार्यशाला में दैनिक जागरण के संपादक श्री उत्तम नाथ पाठक की विशेष उपस्थिति रही। उन्होंने शिक्षक की भूमिका और जिम्मेदारियों पर गहन प्रकाश डाला। उनका कहना था कि शिक्षक का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को आदर्श, नैतिक, रचनात्मक और व्यावहारिक नागरिक बनाना होना चाहिए। उनके प्रेरक शब्दों ने शिक्षार्थियों में नई ऊर्जा और दायित्वबोध उत्पन्न किया।
कार्यशाला में श्री प्रभाकर राव और श्री उपेंद्र शर्मा समेत सभी संसाधन सेवियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। अंत में कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ समाप्त हुआ। इस दसवें दिन की कार्यशाला ने न केवल शिक्षार्थियों को आत्म-जागरूकता और पर्यावरणीय संवेदनशीलता का अनुभव कराया, बल्कि उनकी रचनात्मक और नैतिक सोच को भी सशक्त किया।


