दरभंगा:
मिथिलाक्षर भाषा एवं लिपि के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाने वाले जमशेदपुर के विक्रम आदित्य सिंह को “मिथिलाक्षर विज्ञ सम्मान” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें दरभंगा स्थित चंद्रधारी मिथिला महाविद्यालय में एक विशेष समारोह में प्रदान किया गया।
इस सम्मान समारोह में महाविद्यालय के प्राचार्य मुश्ताक अहमद तथा मैथिल संघ, मोहाली द्वारा संपोषित कार्यक्रम के संरक्षक शशिभूषण झा नागदह की उपस्थिति रही। दोनों विशिष्ट अतिथियों ने संयुक्त रूप से श्री सिंह को सम्मानित किया।
विक्रम आदित्य सिंह वर्ष 2017 से ही मिथिलाक्षर लिपि के संरक्षण और प्रचार में सक्रिय हैं। जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहर में मिथिला संस्कृति और भाषा को जीवित रखने का उनका प्रयास सराहनीय है। अब तक उन्होंने करीब 25 मिथिलाक्षर अध्ययन समूहों का सफल संचालन किया है, और 100 से अधिक लोगों को मिथिलाक्षर सिखा चुके हैं।
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उनके कार्यों की सराहना जमशेदपुर की विभिन्न मैथिल संस्थाओं और सामाजिक संगठनों द्वारा भी की गई है। सम्मान प्राप्त होने पर शहर के सांस्कृतिक समुदाय ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके निरंतर प्रयास की सराहना की।
विक्रम आदित्य सिंह ने इस अवसर पर कहा कि, “मिथिलाक्षर केवल एक लिपि नहीं, हमारी सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है। मेरा लक्ष्य है कि आने वाली पीढ़ियां इसे पढ़ना और लिखना जानें।”
उनकी यह प्रतिबद्धता मिथिला संस्कृति के नवजागरण का प्रतीक बन रही है, और यह सम्मान उनके अथक प्रयासों की सार्वजनिक मान्यता है।

