नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मॉनसून अंतराल के बाद चारधाम यात्रा 2025 के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं को फिर से मंजूरी दे दी है। 15-16 सितंबर से श्रद्धालु अब सुरक्षित तरीके से हवाई मार्ग से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन कर सकेंगे।
नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ दिल्ली और देहरादून में कई दौर की बैठक कर यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए। मंत्री ने साफ कहा कि सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
डीजीसीए की टीम ने 13 से 16 सितंबर तक राज्य के सभी हेलीपैड, हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों और अन्य व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। सभी मानकों पर खरे उतरने के बाद ही उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) और ऑपरेटरों को परिचालन शुरू करने की अनुमति दी गई।
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दो तरह की सेवाएं
चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं दो प्रकार की रहेंगी—
देहरादून (सहस्त्रधारा) से चारधाम तक चार्टर सेवाएं
गुप्तकाशी, फाटा और सीतापुर से केदारनाथ तक शटल सेवाएं
कुल छह ऑपरेटर शटल सेवाएं चलाएंगे, जबकि सात ऑपरेटर देहरादून से चार्टर उड़ानें संचालित करेंगे।
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सुरक्षा उपाय हुए और कड़े
मई-जून 2025 में यात्रा क्षेत्र में हुई दुर्घटनाओं के बाद सुरक्षा मानकों को और सख्त किया गया है। अब केवल अनुभव प्राप्त पायलटों को ही उड़ान भरने की अनुमति होगी। सभी पायलटों के लिए अनिवार्य मार्ग जांच और आवर्ती प्रशिक्षण लागू किया गया है। ऊंचाई पर उड़ान, खराब मौसम और आपात स्थितियों से निपटने पर विशेष प्रशिक्षण भी अनिवार्य किया गया है।
सभी हेलीकॉप्टरों का बार-बार उड़ान योग्यता निरीक्षण होगा और निर्माता कंपनियों की सलाह के मुताबिक रखरखाव करना होगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए हेलीपैड पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
यात्रियों को दी जाएगी जानकारी
हेलीकॉप्टर में सवार होने से पहले सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा संबंधी निर्देश बताए जाएंगे, जैसे सीट बेल्ट का उपयोग, सुरक्षित तरीके से चढ़ना-उतरना और आपात स्थिति में क्या करना है। मौसम की जानकारी भी पायलटों को वास्तविक समय पर उपलब्ध कराई जाएगी।
डीजीसीए की सख्त निगरानी
डीजीसीए की उड़ान परिचालन और उड़ान योग्यता टीमें यात्रा के दौरान लगातार निगरानी करेंगी। आकस्मिक जांच और जमीनी आकलन भी किए जाएंगे।
नागर विमानन महानिदेशालय का कहना है कि यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा सर्वोपरि है। हेलीकॉप्टर सेवाओं के फिर से शुरू होने से श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और भरोसेमंद साधन उपलब्ध होगा।

