Anni Amrita भुवनेश्वर/जमशेदपुर रघुवर दास ने ओड़िशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया है.राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने इस्तीफा…
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भुवनेश्वर:आज ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन और नैशनल जर्नलिस्ट वैलफेयर बोर्ड के बैनर तले उड़िसा के राज्यपाल…
– अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस – जाजपुर और क्योंझर से 100 से अधिक महिलाओं ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा सुकिंदा: टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) ने टाटा स्टील फेरो अलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) के सुकिंदा क्रोमाइट माइन परिसर में अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया। कार्यक्रम की थीम “हमारे सामूहिक भविष्य के लिए ग्रामीण महिलाओं द्वारा प्रकृति का संरक्षण” था, जिसमें ग्रामीण, आदिवासी और कृषक समुदायों की महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया। इन महिलाओं ने न केवल सस्टेनेबल भूमि और संसाधन प्रबंधन को नया आकार दिया, बल्कि ग्रामीण समुदायों में जलवायु के अनुकूल विधियों को विकसित करने में भी एक सशक्त भूमिका निभाई है। सुकिंदा और कलिंगानगर (जाजपुर जिला) तथा बामनीपाल (क्योंझर जिला) क्षेत्रों की ग्रामीण और आदिवासी समुदायों से आईं 100 से अधिक महिलाओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिन्होंने सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। समाज के निर्माण और ग्रामीण परिदृश्य को बदलने में ग्रामीण महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, पंकज सतीजा, एक्जीक्यूटिव इंचार्ज एफएएमडी, ने कहा, “विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हम महिला नेतृत्व के विकास में योगदान देने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में, हमने हमेशा ग्रामीण महिलाओं की शक्ति, दृढ़ता और समाज में उनके बहुमूल्य योगदान का सम्मान किया है। चाहे कृषि हो या परिवार की देखभाल, उनके नेतृत्व ने हमेशा एक अधिक समान और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” सभा को संबोधित करते हुए शंभू नाथ झा, चीफ माइन (एफएएमडी), ने ग्रामीण महिलाओं की गृह निर्माण और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर बोलते हुए अंजना तिवारी, सीनियर एरिया मैनेजर, सेफ्टी (एफएएमडी), ने ग्रामीण विकास में गांव की महिलाओं के योगदान और समाजिक परिवर्तन में उनकी प्रमुख भूमिका को रेखांकित किया। इसके साथ ही, ओडिशा आजीविका मिशन (ओएलएम) और वन स्टॉप सेंटर (सखी) के वक्ताओं ने विभिन्न सरकारी योजनाओं और संसाधनों के बारे में जानकारी साझा की, जो ग्रामीण महिलाओं को संभावित अवसरों का पता लगाने और अपने हुनर का पूरा लाभ उठाने में मदद करती हैं। यह कार्यक्रम टाटा स्टील फाउंडेशन की ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की महिलाओं को सशक्त बनाने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा था। शिक्षा, कौशल विकास और आजीविका संसाधनों तक पहुंच प्रदान करने के लिए विभिन्न पहलों के माध्यम से, टाटा स्टील फाउंडेशन यह सुनिश्चित करता है कि महिलाएं अपने समुदायों का नेतृत्व करने और एक सतत् व आत्मनिर्भर भविष्य का निर्माण करने के लिए सशक्त बनें।
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भुवनेश्वर:”देश की आजादी से लेकर जेपी आंदोलन तक में स्वतंत्र मीडिया की भूमिका अहम रही है.मीडिया ने समानता,समाजवाद और आर्थिक…
भुवनेश्वर: क्या आपने कभी सोचा है कि आदिवासी समुदाय के लड़के अपनी प्रेमिका को कैसे प्रपोज करते हैं? हवा में प्यार, आंखों…
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नेशनल डेस्क। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 मई को दोपहर लगभग साढे बारह बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से…
भुवनेश्वर/जमशेदपुर: टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड (TSML) को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आयोजित 36वें नेशनल कन्वेंशन ऑन क्वालिटी कॉन्सेप्ट (NCQC) में…