पटना।
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान का उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी योग्य मतदाता मतदाता सूची से वंचित न रह जाए। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अब तक 91.32% यानी 7.21 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त कर लिए गए हैं और उन्हें डिजिटाइज भी कर लिया गया है। इन सभी नामों को आगामी प्रारूप मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित की जाएगी। इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और साथ ही सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को इसकी प्रिंटेड व डिजिटल कॉपी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
त्रुटियों की पहचान में हुआ बड़ा खुलासा
SIR के दौरान स्थानीय बीएलओ और बीएलए द्वारा फॉर्म न भरने वाले, मृतकों तथा स्थायी रूप से अन्यत्र निवास कर चुके मतदाताओं की पहचान की गई है।
21.6 लाख मृत मतदाताओं के नाम अब भी सूची में दर्ज हैं।
31.5 लाख मतदाता स्थायी रूप से बाहर जा चुके हैं।
7 लाख मतदाताओं के नाम दो जगहों पर दर्ज हैं।
1 लाख मतदाताओं का कोई अता-पता नहीं मिल रहा है।
इसके अलावा, अब तक 7 लाख से कम फॉर्म अभी भी लंबित हैं, जिनकी जानकारी बीएलओ/बीएलए द्वारा फील्ड वेरिफिकेशन रिपोर्ट के साथ जुटाई जा रही है।
दावा-आपत्ति का समय 1 सितंबर तक
SIR ऑर्डर के अनुसार, कोई भी नागरिक या राजनीतिक दल 1 सितंबर, 2025 तक मतदाता सूची में नाम छूटने, ग़लत नाम जुड़ने या अन्य किसी गलती के लिए दावा-आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए सभी स्तरों – BLO, ERO, DEO, और CEO – ने पहले ही 20 जुलाई को संबंधित जानकारी सभी दलों को साझा कर दी है ताकि वे पहले से जांच कर सकें।
निर्वाचन आयोग ने पुनः अपील की है कि सभी नागरिक और राजनीतिक दल मतदाता सूची की जांच करें और किसी भी गलती को समय रहते सुधारने में सहयोग करें, ताकि आगामी चुनावों में निष्पक्ष और त्रुटिरहित मतदान सुनिश्चित हो सके।

