
ललन कुमार
शेखपुरा।
पीएम मोदी का स्वच्छ भारत बनाने का सपना बिहार के शेखपुरा में चूर चूर होता दिख रहा है । खुले में शौचमुक्त का प्रशासनिक दावा यहां खोखला साबित हो रहा है ।ऐसे में भारत को स्वच्छ बनाने का सपना जो केंद्र सरकार या राज्य सरकार पाल रखी है शायद ही वह पूरा हो सके ।स्वच्छ भारत अभियान को मूर्त रूप देने और जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों के छात्र छात्राओं के माध्यम से बड़ी-बड़ी जागरूकता रैलियां निकाली जा रही है।खुले में शौचमुक्त अभियान चलाये जाने के खोखले दावे पर जिला प्रशासन अपनी पीठ थपथपाती नजर आती है ,लेकिन जिला प्रशासन के नाक के समीप ही इस मिशन की धज्जियां उड़ाई जाय तो सबको हैरत में डालना कोई बड़ी बात न होगी ।चलिये आपको दिखाते है शेखपुरा जिला के नगर क्षेत्र के वार्ड नं 11 में स्थित प्राथमिक विद्यालय मड़पसौना के विद्यालय का वह मुख्य मार्ग। जहाँ से बच्चे स्कुल में प्रवेश करते हैं।इस मार्ग की तस्वीर स्वच्छ भारत मिशन के सच को ब्यान करता दिखाई दे रहा है ।विद्या के मंदिर का यह मुख्य मार्ग मुख्य रूप से अगल बगल के लोगों का शौच स्थल बना है ।स्कुल के बच्चे इसी शौच वाले रास्ते से बचते बचाते स्कुल में नाक मुंह बंद कर प्रवेश करते है ।विद्या के मंदिर का हाल यह है । इसे स्थानीय प्रशासनिक उदासीनता कहने में भी किसी को आश्चर्य नही होगा ।बच्चों में मोनी ,ममता,राजू समेत अन्य ने बताया कि उन्हें मजबूरी में शौच वाले रास्ते से गुजर कर स्कुल जाना पड़ता है ।कोई दूसरा रास्ता रहे तब न ।एक ही रास्ता है जिस पर शौच फैला रहता है और उसी से होकर गुजरना पड़ता है ।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि आस पास की कुछ ग्रामीण महिलाएं और बच्चे हैं जो विद्यालय बन्द रहने पर विद्यालय के मार्ग के किनारे शौच कर देते हैं ।कभी कभी तो बच्चे आसपास के दौड़कर आते हैं स्कुल के बीच रास्ते में शौच कर चले जाते हैं।जिससे स्कुल में पढ़ने वाले बच्चों को स्कुल जाते और आते वक्त काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इतना ही नही नगर परिषद के सफाई कर्मी 5-6 महीने में एकाध बार सफाई तो कर देते है लेकिन कचरे और गंदगी की ढेर भी स्कुल के पास ही जमा कर देते है जिससे आस पास के घरों तक उसकी बदबू आती रहती है । नीतीश सरकार की हर घर शौचालय योजना की सच्चाई का पोल खोल कर रख दिया इस विद्यालय का मार्ग ने। वहीँ इस मामले को लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि नगर परिषद का सफाई सुपरवाइजर हर जगह जाकर सफाई व्यवस्था का देख रेख करता है ।वह भी आदमी है न ।कितना करेगा ।मोहल्लेवाले ही स्कुल के मुख्य मार्ग पर शौच कर देते हैं ।कईबार इसकी हिदायत भी मोहल्ले वाले को दी गयी है ।
