जमशेदपुर।
नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर का पूरा परिसर भक्ति और उल्लास की ध्वनियों से गूंज उठा। नौ दिनों तक चलने वाले इस विशेष आयोजन में प्रतिदिन सुबह और शाम मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने भजन-कीर्तन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें छात्र-छात्राएं, शिक्षक और कर्मचारी पूरे उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं।
भजन संध्याओं की खास बात यह रही कि यहां पारंपरिक देवी गीतों के साथ-साथ आधुनिक शैली में भी भक्ति संगीत की प्रस्तुतियां दी गईं। “जय अम्बे गौरी” और “ओ माँ तेरे भक्त जनों पर” जैसे गीतों ने वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। ढोलक, हारमोनियम, मंजीरा और बांसुरी की मधुर ध्वनियों ने पूरे माहौल को अद्भुत और दिव्य बना दिया।
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महाअष्टमी के दिन सुबह से हीं परिसर में विशेष अनुष्ठान और पूजा का आयोजन किया गया। ढाकी की थाप और संस्कृत श्लोकों की गूंज ने कैंपस को भक्ति में सरोबार कर दिया। दोपहर में महाप्रसाद का वितरण हुआ, जिसमें संस्थान के निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी और बच्चों ने प्रसाद ग्रहण किया।
संध्या समय भजन, संगीत और नृत्य का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में श्रीमती इंद्राणी सूत्रधर ने दुर्गा स्तुति गाकर माहौल को भक्ति से भर दिया। इसके बाद संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) गौतम सूत्रधर ने गिटार पर इंस्ट्रूमेंटल प्रस्तुति दी और अपनी सुरीली आवाज़ में मशहूर गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संगीत की लहरियों के बीच पारंपरिक नृत्यों ने पूरे माहौल को जीवंत बना दिया। उपकुलसचिव सुनील कुमार भगत और श्रीमती अनामिका दीक्षित ने गरबा और डांडिया की शानदार प्रस्तुति दी, जिस पर पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। रंग-बिरंगे परिधानों में हुए इन नृत्यों ने नवरात्रि की सांस्कृतिक झलक को और खास बना दिया।
इसके अलावा समूह नृत्यों और लोकगीतों ने भी लोगों का खूब मन मोहा। महिलाओं द्वारा प्रस्तुत “डाक बाजा कशोर बाजा” जैसे पारंपरिक गीतों ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। बच्चों और शिक्षकों ने शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां दीं, वहीं कई छात्रों ने स्वरचित भक्ति गीत गाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
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कार्यक्रम का संचालन डॉ. रीना साहू ने बेहतरीन ढंग से किया। एनआईटी प्रशासन ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों और युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना है। नवरात्रि का यह उत्सव एनआईटी कैंपस के लिए एक यादगार पल बन गया, जहां भक्ति, संगीत और नृत्य का अद्भुत संगम देखने को मिला।


