आदित्यपुर
शहर के प्रमुख धार्मिक आयोजन, जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा के शुभ अवसर पर आदित्यापुर‑2 क्षेत्र में ‘संवेदना’ सामाजिक संस्था की ओर से जल व्यवस्था का प्रशंसनीय पहलू रहा। इस दौरान संस्था की टीम ने समर्पित रूप से जनता के लिए शीतल पेय जल की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराई, जिससे श्रद्धालु व स्थानीय नागरिकों ने राहत की साँस ली।
कार्यक्रम में संस्था के स्वदेशी कार्यकर्ता बलवंत पाण्डेय, संजय कुमार, सुनील झा, आदित्य, अतुलया, प्रताप, अंकुश, अमन, विवेक, पार्थ, रजत, और साहिल सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। इन सभी ने मिलकर समयबद्ध तरीके से जल वितरण की जिम्मेदारी ली और सुनिश्चित किया कि रथ यात्रा के दौरान कोई भी व्यक्ति निर्जलता से जूझे नहीं।
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संस्था की भूमिका और सेवाभाव
‘संवेदना’ संस्था सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में हमेशा से ही अग्रणी रही है। इस बार उन्होंने धार्मिक व धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण इस पर्व को देखते हुए शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा। अद्वितीय प्रयास यह था कि उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर जल कियोस्क का इंतज़ाम किया, जहाँ श्रद्धालु अपनी सुविधा अनुसार जरूरत अनुसार पानी ले सके। इसके अलावा संस्था सदस्यों द्वारा निरंतर सफ़ाई की देखरेख भी की गई ताकि जल प्रदूषण से बचा जा सके। रथ यात्रा के दौरान भी इन स्वयंसेवकों ने अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाई।
स्थानीय जनसहायता का आकर्षक उदाहरण
यह आयोजन आदित्यापुर‑2 के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल बना। उपस्थित लोग अरुचि और थकान से थोड़ी देर में राहत महसूस कर पाए और इस मानवीय पहल के लिए संस्था तथा कार्यकर्ताओं का विशेष धन्यवाद व्यक्त किया । इस सबंध मे संस्था के सदस्य बलवंत पांडेय ने कहा: “यह पानी की सुविधा रथयात्रा जैसी भीड़ भरे धार्मिक कार्यक्रम में बहुत महत्वपूर्ण साबित हुई। संस्था ने समय से पहले ही हर व्यवस्था कर दी थी।”
भविष्य की योजनाओं की झलक
‘संवेदना’ संस्था भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को देखते हुए स्वास्थ्य‑सुरक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य जागरूकता को प्राथमिकता देने का भरोसा दिलाती है। खासतौर से तीर्थयात्राओं व धार्मिक आयोजनों में पथ प्रदर्शन, स्वच्छता अभियान, मेडिकल चेक‑अप टेंट व अन्य सामाजिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है।
इस वर्ष की इस रथ यात्रा में जल सुविधा का व्यवस्थित प्रबंध ‘संवेदना’ संस्थान की सामूहिक मेहनत और लोगों के सहयोग का परिणाम रहा। इस प्रयास ने साबित कर दिया कि जब समाज के सभी वर्ग आगे आएं, तो धर्म व सेवा का अद्भुत संगम संभव है।

