अररिया-नरपतगंज मनरेगा मामले की फिर से जांच शुरू

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अररिया।

नरपतगंज जादुई ट्रेक्टर आखिर कितना गुल खिलाता है ये देखना दिलचस्प होगा । करोड़ों के लूट की जांच कि चर्चा चारो तरफ हो रही है । एक तरह जंहा नरपतगंज पूरा मुखिया समूह (29 पंचायत के मुखिया) और मनरेगा कर्मी इस जांच को दबाने में एक जुट होकर श्री कृष्ण को डराने,धमकाने एवं फर्जी मामले में फ़साने की धमकियां देते रहा । वहीँ हौसले को बुलन्द रखकर युवा नेता व् बिवियुमो अध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण निडर होकर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अपनी आवाज और अपनी मांग को उठाते रहे । ये पुरे जिला भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिरकार काफी लीपा पोती के  बाद भी मनरेगा मामले की जाँच दल तैयार हो ही गया ।  ज्ञात हो की बिहार विकास युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण ने नरपतगंज मनरेगा मामले में 8 करोड़ का गबन का आरोप लागाकर डीएम से जांच का मांग किये थे । डीएम श्री हिमांशु शर्मा के निर्देश पर दो बार जांच कराया गया । जांच होने के बाद मोर्चा सदस्य की ओर से असंतोष व्यक्त करते हुए रिश्वत लेकर सही से जांच नहीं होने की बात कहा जा रहा था ।मोर्चा के द्वारा दिए गए साक्ष्य के आधार पर जिलाधिकारी ने अलग अलग पंचायतों में अलग अलग कर्मियों से जांच करवाने का आदेश किये । इस जांच के आदेश होते ही मानो जैसे मनरेगा कर्मियों और जनप्रतिनिधियों की साँसे फूलने सी लगी । 8 अप्रैल से जांच जारी है ।रविवार को पोसदहा पंचायत में जांच के क्रम में डीसीएलआर सादुल हसन खान को ग्रामीणों ने बताया यहाँ जेसीबी से मिटटी का कार्य कराया जाता है । इसकी शिकायत मनरेगा पीओ के पास किया गया था लेकिन रिश्वत लेकर मामले को को दबा दिया गया । कई ग्रामीणों ने इससे जुड़े साक्ष्य और और गवाह भी पदाधिकारी को  जांच स्थल पर दिए ।
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क्या कहते है बिवियुमो अध्यक्ष———–
प्रसेनजीत कृष्ण ने कहा किसी को ये उम्मीद नही थी की निदेशक के जांच के बाद भी जांच कराया जा सकता है । ये हमारे बिहार विकास युवा मोर्चा की विश्वसनीयता ही है की जिलाधिकारी हमारी मांग को स्वीकारे । इतना ही नहीं 29 पंचायतों के मुखिया और मनरेगा कर्मी के शिकायत पर मुझपर कार्यवाही ना होना बहुत बड़ी विश्वसनीयता को दर्शाता है । मोर्चाध्यक्ष श्री कृष्ण ने कहा डीएम सर तो हमारे हीरो हैं उनका जो विश्वास हमलोगों पर बना है उसको सदा बरकरार रखेंगे । समाज के हित के लिए हमसब आवाज को बुलन्द करते रहेंगे । यदि जांच में कुछ संदेह होगा तो अब सीवीसी जांच की ही मांग कोर्ट से किया जायेगा ।
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अभी सभी पंचायत में जांच होना बाँकी है । जांच के बाद कार्यवाही क्या होगा ये देखना दिलचस्प होगा । बरहाल जो भी हो मामला काफी पेंचीदा और संवेदनशील हो गया है जांच दल के सामने बहुत बड़ी चुनौती ये है की सही से जांच कर सके । चुकी अब इस मामले पर  जिलाधिकारी की पैनी नजर है ।

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